शुभ प्रभात वंदन।
जय रघुनंदन जय सियाराम।
हमारी अशांति का एक ही कारण है कि
हमने ध्यान के बीज को बृक्ष नहीं बनाया है।
हम हजार उपाय करते है कि
धन मिल जाय तो अशांति ठीक हो जाएगी
सुंदर पत्नी मिल जाय और पुत्र हो जाय तो
अशांति ठीक हो जाएगी
यश मिल जाय कीर्ति मिल जाय अच्छा स्वास्थ्य हो
सरीर हो लंबी आयु हो सब कुछ हो जाय
लेकिन अशांति तब भी नहीं मिटती
बस्तुतः ये सारी चीजें मिल भी जाएंगी फिर भी
अशांति काम नहीं होती और सघन हो जाती है
क्योकि हमारी मांगें अनंत है एक कि पूर्ति होते ही
दूसरी मांग शुरू हो जाती है।
लाख कोशिश कर लो
जीवन में शांति ध्यान और प्रेम के बिना नहीं आ सकती।
#आर्यवर्त